चंडीगढ़: पंजाब की मुख्य विपक्षी पार्टी आप केंद्र के तीन कृषि कानूनों के लागू होने के एक साल पूरा होने पर आज ‘काला दिवस’ मनाएगी. आम आदमी पार्टी (आप) कृषि कानूनों के खिलाफ़ चल रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य भर में ‘कैंडल मार्च’ भी निकालेगी.
यहां एक बयान में आप के विधायक कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि देश भर में ‘काले कृषि कानून’ के खिलाफ किसानों में ‘रोष’ है. उन्होंने कहा कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि 17 सितंबर, 2020 को संसद में तीन ‘काले’ कृषि विधेयक पारित हुए इसलिए 17 सितंबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा.
दिल्ली में संसद भवन तक मार्च की योजना
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी 17 सितंबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाएगा. इसके अलावा शिअद कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज से संसद भवन तक मार्च की योजना बनाई है.
गाजीपुर बॉर्डर पर लगातार चल रहा है विरोध प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन बीते कई महीनों से दिल्ली से लगे हुए गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं. भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पूरे विरोध प्रदर्शन में भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत की बड़ी भूमिका है.
बता दें, बीते मंगलवार दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद में किसानों का अनोखा विरोध देखने को मिला. लोनी इलाके में किसानों ने ‘जमीन समाधि विरोध’ शुरू कर दिया है. किसानों ने तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने, जमीन का मुआवाजा बढ़ाने के अलावा अन्य कई मांग रखी हैं.